चाँद रह गया बिना चांदनी के
तारे चाँद से खता करते है
ये मिट्टी से बने प्यासे लोग है की
जरुरत पर तवायब से दुआ करते है
सोचता हु की जी लू ये उसकी सताई जिंदगी
पर यहाँ तो फरिस्ते भी खता करते है
बाते रह गयी सिर्फ सुर्ख होंटो की
मरुस्थल में भी अश्क बहा करते है
ये मिट्टी से .........................
महोब्बत की तिजारतो में कट गयी जिंदगी
अब नफरतो के समंदर हँसा करते है
बात बेशक में तुम्हारी करता हुक्योंकि
अब किस्मत-ए-जिंदगी भी कुछ न अता करते है
ये मिट्टी से ........................
तारे चाँद से खता करते है
ये मिट्टी से बने प्यासे लोग है की
जरुरत पर तवायब से दुआ करते है
सोचता हु की जी लू ये उसकी सताई जिंदगी
पर यहाँ तो फरिस्ते भी खता करते है
बाते रह गयी सिर्फ सुर्ख होंटो की
मरुस्थल में भी अश्क बहा करते है
ये मिट्टी से .........................
महोब्बत की तिजारतो में कट गयी जिंदगी
अब नफरतो के समंदर हँसा करते है
बात बेशक में तुम्हारी करता हुक्योंकि
अब किस्मत-ए-जिंदगी भी कुछ न अता करते है
ये मिट्टी से ........................

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